जानिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे डॉ श्रीकान्त शिंदे की क्यों कि तारीफ़?
अगर सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र में सभी सांसदों में से सांसद श्रीकान्त शिंदे ने अपने लोकसभा छेत्र में सबसे ज़्यादा विकास काम के लिए निधि उपलब्ध कराई है.
ठाणे ज़िले के कल्याण में कल्याण उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे और कल्याण लोकसभा सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के काम की जमकर सराहना की और कहा कि श्रीकांत अपनी लोकसभा में अच्छा काम कर रहे हैं.
अगर सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र में सभी सांसदों में से सांसद श्रीकान्त शिंदे ने अपने लोकसभा छेत्र में सबसे ज़्यादा विकास काम के लिए निधि उपलब्ध कराई है. यहाँ एमएमआरडीए से वह कई रास्तों के काम के अलावा, कल्याण में रिंग रोड, अंबरनाथ मंदिर सौंदरीयकरण जैसे कई काम को वह अपने लोक सभा में करवा रहे है. जिससे यहाँ के लोगों की ज़िंदगी भविष्य में बेहतर होगी.
यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने अपने बेटे की तारीफ़ करते हुए आगे कहा कि, ”प्रत्येक नागरिक को अच्छी सड़कें, पानी, लाइट और मनोरंजन की सुविधाएं मिलनी चाहिए. कल्याण लोकसभा को इस उद्देश्य के लिए भारी धनराशि दी गई है.
कल्याण डोंबिवली में कई विकास कार्य चल रहे हैं। कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं जबकि कई परियोजनाओं पर काम जारी है.”
उन्होंने यह भी कहा, “सरकार शहर में शेष विकास कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि भी प्रदान करेगी। धन की कोई कमी नहीं होगी। कल्याण डोंबिवली में सड़क, रोशनी और अन्य बुनियादी ढांचे के कई काम किए गए हैं।”
कल्याण उत्सव में उपस्थित लोगों की भीड़ और शहर में हुए कार्यों को देखकर मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि अब उन्हें कल्याण या ठाणे जिले में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
शिंदे ने कहा कि यहां पार्टी का हर कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के रूप में काम करेगा।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद केडीएमसी आयुक्त को यह भी निर्देश दिया कि बाइपास और आंतरिक सड़कें इस तरह बनाई जाएं कि शहर के किसी भी हिस्से से कोई भी व्यक्ति 10 मिनट में मुख्य राजमार्ग तक पहुंच सके.
सीएम ने यह भी कहा कि मुंबई में स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए डीप क्लीन अभियान चलाया गया है और धीरे-धीरे यह अभियान हर अन्य शहर में भी लागू किया जाएगा, क्योंकि स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए जरूरी है.
शिंदे ने आगे कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता अभियान चलाया था, उस समय कुछ लोगों ने आलोचना की थी कि यह एक फोटो सेशन कार्यक्रम था. लेकिन आज देश को स्वच्छता के महत्व का एहसास हुआ है।