कल्याण डोंबिवली में 30 साल से मुआवजे का इंतजार कर रहे लोगों को मिला खुदका आशियाना
केडीएमसी ने रोड चौड़ीकरण में प्राभावित 461 लोगों को मुआवजे के तौर पर बीएसयूपी में बने घर आवंटित किए जिसमे कई इसे लोग थे जो 30 साल से मुआवजे का इंतजार कर रहे थे
कल्याण-डोंबिवली में विभिन्न सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित 461 लोगों को बीएसयूपी योजना के तहत निर्मित मकान आवंटित किए गए।
इन प्रभावित लोगों में कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने 30 साल पहले सड़क चौड़ीकरण के कारण अपना घर खो दिया था और घर का इंतजार कर रहे थे.
लाभ मिलने वालो में कई ऐसे लोग थे जिन्होंने कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) की सीमा के भीतर हाल के वर्षों में 90 फीट सड़कों सहित कई सड़कों के चौड़ीकरण के कारण अपने घर खो दिए थे।
ये लोग कई सालों से मुआवजे की मांग कर रहे थे. हाल ही में कल्याण से लोकसभा सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने केडीएमसी को निर्देश दिया था कि सड़क चौड़ीकरण के कारण जिन लोगों के घर प्रभावित हो रहे हैं, उन्हें बीएसयूपी योजना के तहत बने घर मुआवजे के रूप में दिए जाएं, ताकि सड़क चौड़ीकरण करते समय कोई बाधा न आए और शहर का विकास किया जा सके.
ऐसा कहा जाता है कि जब डॉ. इंदुरानी जाखड़ ने केडीएमसी के आयुक्त का पद संभाला, तो उन्होंने ऐसे प्रभावित लोगों को घर दिलाने की पहल शुरू की, जो कई वर्षों से मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं।
केडीएमसी ने इस दौरान 491 ऐसे प्रभावित लोगों की पहचान की और उनमें से 30 प्रभावित लोगों को छोड़कर जो अदालत में चले गए, शेष 461 लोगों को लॉटरी प्रणाली के माध्यम से घर दिया गया।
केडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि इस लाभार्थी सूची में, केडीएमसी ने उन लोगों को 17 घर दिए हैं, जिन्होंने 1994 में कल्याण के बाजारपेठ सड़क चौड़ीकरण कार्य के दौरान अपने घर खो दिए थे और सालों से मुआवजे का इंतजार कर रहे थे.
खास बात यह है इन 30 साल में कई ऐसे लोग थे जो अपना घर खोने के बाद भाड़े के घर में रहने को मजबूर थे तो कई लोग इस दुनिया को छोड़ चुके थे उनके जगह पर मुआवजा उनके परिवार वालों को दिया गया. घर मिलने के बाद ऐसे लोगो के चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिली.