अगर आप भी मुंबई में पति और पत्नी दोनों नौकरी करते है और अगर अपने बच्चों को बेबी सिटिंग में छोड़कर नौकरी करने जाते है तो यह खबर आपको जरूर पढ़ना चाहिए.
दरअसल मुंबई के पास स्थित डोंबिवली में Baby Sitting बेबी सीटिंग में रखे गए एक तीन साल के बच्चे के साथ कथित तौर पर मारपीट करने और उसे बेबी सीटिंग में कुर्सी पर बांध कर रखने के आरोप में बेबी सिटिंग चलाने वाले एक दंपत्ति और उनकी एक महिला कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
मामला डोंबिवली के रहनेवाले गणेश प्रभुणे उनकी पत्नि आरती प्रभुणे और उनके स्टाफ राधा नखरे के खिलाफ की गई है। दंपत्ति डोंबिवली के फड़के रोड पर पिछले सात साल से हैप्पी किड्स डे केयर सेंटर चलाते हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि हाल ही में 1 मार्च को पूरी घटना का खुलासा करने वाली व्हिसलब्लोअर महिला साधना सामंत इस बेबी सिटिंग में नौकरी के लिए शामिल हुई थी, लेकिन जब उसने देखा कि बेबी सिटिंग में आने वाले बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।सामंत ने देखा कि बच्चों को नियंत्रण में रखने के लिए उन्हें पीटा जाता है और कुर्सी से बांध दिया जाता है।
यह देखकर सामंत ने दंपति से बच्चों के उत्पीड़न को रोकने की मांग की, लेकिन जब बेबी सिटिंग चलाने वाले दंपति ने उनकी बात नहीं सुनी तो सामंत ने पूरी घटना का पर्दाफाश करने की योजना बनाई और उन्होंने पूरी घटना को अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया और बाद में शिवसेना (यूबीटी ) नेता कविता गावंड से संपर्क किया।
गावंड ने बताया की “वीडियो में केयरटेकर नखरे बच्चों के साथ मारपीट करते और एक बच्चे को बांधे हुए दिख रही है यही कारण hia कि हमने उस बच्ची के माता-पिता को सूचित करने का फैसला किया”.
वीडियो देखकर आश्चर्यचकित हुए माता-पिता ने मंगलवार देर शाम गावंड के साथ स्थानीय डोंबिवली पुलिस स्टेशन का रुख किया और तीनो के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. बढ़ती महंगाई के कारण आजकल पति और पत्नी दोनों परिवार की आजीविका चलाने के लिए काम पर जाते हैं। ऐसी स्थिति में मुंबई Mumbai और ठाणे Thane उसमे भी खासतौर पर डोंबिवली, जिसे बेडरूम शहर कहा जाता है, जहा के ज्यादातर लोग नौकरी करने मुंबई या फिर ठाणे जाते है वह अपने बच्चों की देखभाल के लिए शहरों में स्थापित बेबी सिटिंग सेंटर में बच्चों को रखकर नौकरी पर जाते है. ऐसे में इस हादसे ने ऐसे लोगों को झकझोर कर रख दिया है.
इसी तरह Dombivli डोंबिवली में रहनेवाले शिकायतकर्ता मंदार ओगले, जो सरकारी विभाग में काम करते हैं और उनकी पत्नी जो मुंबई के निजी कंपनी में काम करती हैं, अपने बच्चों को मासिक शुल्क ८५०० पर सुबह 7 बजे से रात 8 बजे के बीच बच्चों की देखभाल के लिए इस शिशु पालन केंद्र में भेजा करती थी.
डोंबिवली पुलिस ने कहा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच चल रही है.
वही घटना के बाद गावंड ने कहा, “हम चाहते हैं कि राज्य सरकार को बच्चों के पालन-पोषण केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे और बच्चों के माता-पिता के मोबाइल पर सीसीटीवी लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा अनिवार्य कर देनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं न हों।”