एक तरफ मंगलवार को डोंबिवली में जहां आदित्य ठाकरे लोकसभा चुनाव के लिए शिवसेना (यूबीटी) गुट की उम्मीदवार वैशाली दरेकर का नामांकन दाखिल करने से पहले शक्ति प्रदर्शन करने पहुंचे थे, वहीं दूसरी तरफ उसी दिन शाम को स्थानीय सांसद और मुख्यमंत्री के बेटे श्रीकांत शिंदे ने आदित्य ठाकरे को बड़ा झटका दिया है।
डोंबिवली शहर अध्यक्ष विवेक खामकर महिला विंग की कविता गावंड और विभिन्न शाखा प्रमुखों सहित करीब 100 पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी छोड़कर शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल हो गए।
बताया जाता है कि खामकर दरेकर को टिकट दिए जाने से पार्टी से नाराज थे और वे कल्याण लोकसभा से श्रीकांत शिंदे के खिलाफ कोई और मजबूत उम्मीदवार उतारने की मांग कर रहे थे, लेकिन जब पार्टी ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना छोड़ने का फैसला किया और आखिरकार मंगलवार को शिवसेना में शामिल हो गए।
आपको बता दे जब डोंबिवली में शिवसेना के अधिकांश स्थानीय पदाधिकारी शिवसेना छोड़ चुके थे, उस समय खामकर उद्धव की शिवसेना के लिए लड़ रहे थे। खामकर का पार्टी से बाहर होना कल्याण लोकसभा खासकर डोंबिवली में यूबीटी के लिए झटका माना जा रहा है।
इस बीच ठाणे में शामिल होने के दौरान सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “शिवसेना यूबीटी को वफादारी के बारे में बोलने या किसी को देशद्रोही कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि जनता जानती है कि बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों को छोड़कर किसने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाकर 2019 में सरकार बनाई।
” शिंदे मंगलवार शाम को ठाणे में यूबीटी कल्याण-डोंबिवली के पदाधिकारियों को शामिल करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। सीएम शिंदे ने कहा, “राज्य भर से कई लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं और यूबीटी गुट अब इस क्षेत्र में लगभग खाली हो चुका है… वे हमें संविधान में संशोधन करने और लोकतंत्र को खतरे में डालने का प्रयास करने का दोषी ठहराते हैं!
लेकिन इसके बजाय वे ही अपने 2.5 साल के शासन के दौरान इसके लिए दोषी हैं… मुझे विश्वास है कि डॉ. श्रीकांत शिंदे इस बार रिकॉर्ड तोड़ बढ़त के साथ जीतेंगे क्योंकि लोगों ने उनके काम को देखा है।
हालांकि, नामांकन दाखिल करने के दौरान खामकर के गायब रहने के बारे में पूछे जाने पर कि खामकर नाखुश हैं, दरेकर ने कहा, “कोई भी नाखुश नहीं है। जो वफादार शिवसैनिक हैं, वे नाखुश नहीं हैं और वे हमारे साथ हैं और रैली में आई भीड़ यही दिखाती है।”