अगर आप गरीब परिवार से हैं और आपके घर में बेटी है तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है सरकार की तरफ से भाग्यलक्ष्मी योजना की शुरुआत की गई है इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवार की बेटियों को 2 लाख तक सहायता प्रदान करना है जिससे गरीब बच्ची की पढ़ाई के लिए एक वरदान साबित हो सके।
हम देखते हैं की बेटियों को बोझ माना जाता है और इसी को दूर करने के लिए सरकार योजना शुरू कर रही है ताकि लड़कियों को जब आर्थिक सहायता दे दी जाएगी तो वह परिवार पर पढ़ाई के लिए और शादी के लिए बोझ नहीं बनेगी।
भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत लड़की के जन्म पर ₹50000 का बंद सरकार देती है जब लड़की 21 साल की हो जाती है तब उसे ₹200000 दिए जाते हैं मां को ₹5100 आर्थिक सहायता के तौर पर सरकार देती है।
पढ़ाई के लिए सरकार 23000 रुपए देती है यह आर्थिक सहायता एक मुफ्त नहीं होती है बल्कि किस्तों में मिलती है जिससे बेटी छठी क्लास में पहुंचती है तो ₹3000 आठवीं में पहुंचने पर ₹5000 दसवीं में ₹7000 और 12वीं में ₹8000 की राशि दी जाती है 31 मार्च 2006 के बाद बीपीएल परिवार में पैदा होने वाली सभी लड़कियां भाग्यलक्ष्मी योजना का लाभ ले सकती हैं।
योजना का लाभ सिर्फ एक परिवार की एक लड़की को ही मिलेगा इसके अलावा सालाना ₹200000 से आई कम होनी चाहिए और जी के जन्म के 1 साल के अंदर-अंदर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है वही जब बच्ची की शादी होती है तो उसकी उम्र 18 वर्ष से काम नहीं होनी चाहिए अन्यथा उसकी लाभ नहीं मिलेगा चंद्र योजना का लाभ लेने के लिए आप यूपी के स्थानीय निवासी होनी चाहिए।
भाग्यलक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए आपके पास में माता-पिता का आधार कार्ड राशन कार्ड बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र मूल निवास प्रमाण पत्र बैंक खाता की पासबुक होनी चाहिए।
भाग्यलक्ष्मी योजना आवेदन प्रक्रिया
भाग्यलक्ष्मी योजना का आवेदन फॉर्म भरने के लिए आवेदन फार्म हमने आपको नीचे उपलब्ध करवा दिया है इसे डाउनलोड करके इसका प्रिंटआउट निकालना या फिर आप नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या महिला एवं बाल विकास कार्यालय से भी आवेदन फार्म प्राप्त कर सकते हैं।
अब इस आवेदन फार्म को अच्छे से भरना है इसमें जो भी जानकारी मांगी गई है उसे सही-सही भरकर अपने सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट इसके साथ में अटैच कर देने हैं अब इस आवेदन फार्म को संबंधित दस्तावेज को लेकर कार्यालय में जमा करना है यानी कि आंगनबाड़ी केंद्र या बाल विकास कार्यालय में इसे जमा करना है और वहां से रसीद प्राप्त कर लेनी है।