महाविकास आघाड़ी में क्या अब संजय राउत की बातों को कोई सीरियस नही लेता?. या यू कहे क्या महाराष्ट्र में कांग्रेस अब वापस बड़ा भाई बनने की भूमिका में आने की कोशिश कर रहा है. क्या आनेवाले समय में महाविकास आघाड़ी में उद्धव ठाकरे अब मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बन पाएंगे. यह ऐसे कुछ सवाल है जो आजकल महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में देखा और सुना जा रहा है.
और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण दो दिन पहले देखा गया जब महाविकास आघाड़ी की तरफ से भाजपा और शिव सेना के खिलाफ प्रखर होकर अपनी राय रखनेवाले उद्धव ठाकरे के शिव सेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर अप्रत्यक्ष रूप से आनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए उन्हे महाविकास आघाड़ी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग की गई.
इसके बाद कांग्रेस की तरफ से जो बयान आया है वह उद्धव ठाकरे की शिव सेना के लिए एक तरह से संकेत है की अब उनकी लोकसभा में हुई भारी जीत के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल अलग है और अब महाविकास आघाड़ी में सबसे बड़े भाई की भूमिका में कहीं ना कहीं कांग्रेस है.
दरअसल हुआ यूं की महाराष्ट्र का विधानसभा सत्र शुरू हुआ है इसी समय जब पूरे महाराष्ट्र की नजर इस सत्र पर है तो ऐसे में उद्धव की पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने महा विकास अघाड़ी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर उद्धव ठाकरे का नाम आगे बढ़ा दिया.
राउत ने उद्धव ठाकरे का नाम आगे करते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी को विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना चाहिए. आगामी विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना चुनाव लड़ने का खतरा मंडरा रहा है. महाराष्ट्र ने महाविकास अघाड़ी के मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे का काम देखा है.
लोकसभा चुनाव में वोटिंग भी उद्धव ठाकरे को देखकर ही हुई है. बेशक, तीनों एक साथ मजबूत थे। लेकिन बिना चेहरे वाली सरकार बिल्कुल नहीं चलेगी. लोग स्वीकार नहीं करेंगे. संजय राउत ने कहा कि लोगों को एक चेहरा देना होगा.
संजय राउत के इस बयान के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की प्रतिक्रिया आई है और नाना पटोले ने साफ किया है कि वह संजय राउत के इस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.