डोंबिवली : राजनीति में एक सच्चाई है कि अगर आप सत्ता में नहीं हैं तो विधायक बने रहना कोई मायने नहीं रखता. इसलिए भले ही राज ठाकरे ने “मैं आपको सत्ता में बिठाना चाहता हूं” बयान दिया है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं और मनसे नेता विधायक राजू पाटिल ने पार्टी का पक्ष इन शब्दों में रखा कि हम उन लोगों में से नहीं हैं जो सत्ता के लिए किसी के पीछे नही जाते हैं, बल्कि हम लोगों का काम करने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं.
वह कल्याण डोंबिवली में निर्भय जर्नलिस्ट फाउंडेशन के एक टॉक शो में बोल रहे थे. इस अवसर पर विधायक पाटिल ने आगामी विधानसभा चुनाव, मनसे की भूमिका, मराठा आरक्षण, शिवसेना भाजपा एनसीपी गठबंधन, निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों आदि पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए.
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे के आदेश के अनुसार हमने महायुति के उम्मीदवारों को समर्थन देकर काम किया है. कल्याण डोंबिवली में मनसे की संगठनात्मक ताकत अच्छी है और हम उस संबंध में और कदम उठाने जा रहे हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना के बाद से हम अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं.
विधायक राजू पाटिल ने राय व्यक्त करते हुए कहा कि राज साहब द्वारा आत्मनिर्भरता का रुख प्रस्तुत करने के बाद अब हर दूसरी पार्टी भी आत्मनिर्भरता की भाषा बोलने लगी है.
कल्याण-शील सड़क पर यातायात की भीड़ और पानी कल्याण ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में दो सबसे बड़े मुद्दे हैं. कल्याण शील रोड का काम एमएसआरडीसी द्वारा किया जा रहा है, मेट्रो का काम एमएमआरडीए द्वारा किया जा रहा है. अगर मेट्रो का काम शुरू ही होने वाला था तो 30-40 करोड़ खर्च कर डिवाइडर और लाइट पोल क्यों लगाए ? क्या यह पैसा किसी के बाप का है ? पानी में डूब रहे स्मार्ट सिटी पार्क के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च करने के बजाय इस फंड को यहां के तालाबों के संरक्षण पर क्यों नहीं खर्च किया जाए? विधायक पाटिल ने इस तरह के गुस्से भरे सवाल उठाते हुए आलोचना की कि उन्होंने योजना की कमी के कारण जल्दबाजी में काम किया है.
साथ ही विधायक पाटिल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनमें दूरदर्शिता नहीं है बल्कि हम बचेंगे या नहीं, आएंगे या नहीं, इस डर के कारण ऐसा हो रहा है.
शिवसेना के सत्ता में आने से पहले की मुंबई और उसके बाद की मुंबई में बहुत बड़ा अंतर है. मुंबई व्यस्त रहती थी. सत्तारूढ़ शिवसेना 40 लाख मुफ्त घरों की योजना लेकर आई. इस योजना का उद्देश्य बहुत अच्छा था.
लेकिन उस समय मानसिकता यह थी कि मुंबई जाओ, फुटपाथ पर झोपड़ी बनाओ और मुफ्त में घर मिलेगा। इस गलत नीति के कारण यह सब हुआ है और इसमें मुंबई मनपा में शिवसेना का भी योगदान है.
लोकसभा चुनाव में राजठाकरे ने जो आदेश दिया था, उसके अनुसार हम ईमानदारी से डाॅ. श्रीकांत शिंदे की जीत के लिए काम किया है. ऐसे में हम यह नहीं कह सकते कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे हमारी मदद करेंगे या नहीं. लेकिन एक बात तय है कि अगर वे हमारे सामने खड़े होते हैं और लोग हमें चुनते हैं, तो उन्हें दोगुनी खुशी होगी.
विधायक पाटिल ने इस समय जवाब देते हुए कहा कि इस पर नहीं कि उनकी राजनीति कैसे चलती है, बल्कि हम अपने भरोसे पर चुनाव लड़ेंगे और अगर वह अच्छाई दिखाते हैं तो उनका स्वागत है.
2014 में जब वे जिला अध्यक्ष थे तो उन्होंने कल्याण लोकसभा चुनाव लड़ा था. अन्य पार्टियां उस निर्वाचन क्षेत्र को लेकर चुनाव लड़ चुकी हैं. तो कल्याण डोंबिवली के सभी चार विधानसभा क्षेत्रों के लोग कैसे हैं? उनकी जरूरतें क्या हैं? हमने अन्य राजनीतिक दलों की तुलना में इसका अधिक अध्ययन किया है.’
इसलिए विधायक पाटिल ने यह भी विश्वास जताया कि विधानसभा चुनाव लड़ते समय उन्हें आसपास के निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान देने में कोई परेशानी नहीं होगी.