कल्याण- कल्याण के आधरवाड़ी में कई सालों से रह रहे चार परिवार का आशियाना दादागिरी के दम पर बारिश के बीच उजाड़ दिया गया। आशियाना उजड़ जाने के बाद अब यह परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।
घटना कल्याण स्थित अधारवाड़ी इलाके में स्थित त्रिवेणी गार्डन के सामने की है जहा गुरुनाथ गणपत चाल में खुद की मकान में रहने वाले रामसंजीवन छोटूप्रसाद गुप्ता की, जो जेल के पास हाथ गाड़ी पर वड़ा-पाव बेचकर अपने परिवार का गुजारा करते हैं।
रविवार 30 जून की दोपहर मनसे नेता कौस्तुभ देसाई और उनके सहकारी कुणाल जोशी अपने चार-पांच साथियों के साथ रामसजीवन गुप्ता के घर पहुंचे, और उनकी पत्नी आरती को घर के बाहर बुलाकर पहले दमदाटी की, उसके बाद बुलडोजर (जेसीबी) लगाकर उनका मकान ध्वस्त कर दिया। यह यही नही रुके उन्होंने वहा चाल में स्थित तीन और घरों को भी वहा जेसीबी की मदद से तोड़ दिया।
खुले आसमां के नीचे रह रही उस घर की मालकिन आरती गुप्ता के मुताबिक वह उस घर में पिछले 34 साल से रह रहे है जिसमे भी पहले 10 साल वह भाड़े पर रहते थे बाद में उन्होंने सन 2000 में यह घर बकायदा रजिस्टर एग्रीमेंट कर जोशी परिवार से खरीदी की है.जिसे एक षणयंत्र के तहत दादागिरी के दम पर जबरन तोड़ दिया गया, ताकि उक्त जमीन पर बिल्डिंग बनाया जा सके।
वही इस मामले में गुप्ता परिवार और अन्य के शिकायत पर खड़कपाड़ा पुलिस स्टेशन ने मनसे के वरिष्ठ नेता कौस्तुभ देसाई, जो पेशे से बिल्डर भी हैं, और उनके 5 से 6 सहयोगियों के खिलाफ चॉल में चार परिवारों के 4 घरों को अवैध रूप से जेसीबी मशीन की मदद से ध्वस्त करके नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
पीड़ित परिवार के अनुसार देसाई इस जगह को विकसित करना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने सहमति देने के लिए सहमति नहीं दी, तो देसाई ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जबरदस्ती घरों को ध्वस्त कर दिया और उन्हें बरसात के मौसम में बेघर कर दिया।
मनसे के पूर्व शहर अध्यक्ष देसाई वर्तमान में मनसे की छात्र शाखा के राज्य सचिव के पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी कस्तूरी देसाई मनसे की पूर्व नगरसेविका हैं।
फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस तोड़फोड़ में निवासियों ने न केवल अपने घरों को खो दिया, बल्कि उनके सामान को भी नुकसान पहुंचा।
खड़कपाड़ा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपराध दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।