क्या सच में उत्तर प्रदेश बदल रहा है? क्या उत्तर प्रदेश जो एक समय गरीब, बीमारू या यू कहे अपराध के लिए प्रसिद्ध राज्य था क्या वह उत्तर प्रदेश अब बदल रहा है। उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़े राज्य के अलावा सबसे ज्यादा २४ करोड़ जनसंख्या और देश को सबसे ज्यादा 80 सांसद देने वाला राज्य है.
आपको बता दे उत्तर प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है जो किसी भी राजनीतिक पार्टी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एक समय था उत्तर प्रदेश देश में बीमारू राज्य, जात पात की राजनीति, अपराध और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जाना जाता था.यहां अन्य राज्य के बड़े व्यवसायी इंडस्ट्री लगाने के लिए डरा करते थे.
उत्तर प्रदेश राज्य देशभर के अन्य राज्यों में एक लेबर सप्लाई स्टेट के तौर पर देखा जाता था। उत्तर प्रदेश के लोग आप को देश के किसी भी कोने में नौकरी या व्यवसाय करते दिख जाएंगे जिसके कारण राज्य के लोगों को अन्य राज्य में उपेक्षा की भावना से भी देखा जाता था। अन्य राज्य के लोगों में उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए यह भावना होती थी की वह उनका नौकरी या यूँ कहे हक़ मार रहे है. यहीं कारण है की कई बार महाराष्ट्र, दिल्ली या गुजरात में वहा के स्थानिक नेताओं ने उत्तर प्रदेश के लोगों के खिलाफ वहा कई बार भड़काऊ बयान तक दिए. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक बार कहा था कि उत्तर प्रदेश के नेताओं में कमी है वह वहां के लोगों को रोजगार मुहैया नहीं करवा पाते जिसके कारण उन्हें अन्य राज्यों में जाना होता है.
यही कारण है कि अगर उत्तर प्रदेश में कोई भी कार्य या बदलाव होता है तो उसका पूरे देश में प्रभाव होता है ऐसे में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के लोगों की भी हमेशा उत्सुकता रहती है की क्या सच में अब उत्तर प्रदेश बदल रहा है।
आज हम आपको सिलसिलेवार तरीके से आपको बताएंगे कि क्या सच में उत्तर प्रदेश में अब बदलाव हो रहा है।
जात पात की राजनीति
दोस्तों आपको पता ही होगा कि उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य देश में जात पात की राजनीति का एक जमाने से केंद्र रही है। पहले यहां के राजनीतिक पार्टियां उत्तर प्रदेश में रोजगार, कानून व्यवस्था, रोड सड़क या फिर विकास के नाम पर वोट नहीं मांगती थी। पहले की पार्टियां जो भी यहां चुनकर आई वह ज्यादातर जात पात या फिर किसी खास जाति के सामाजिक उत्थान के नाम पर वोट मांगा करती। जो भी मुख्यमंत्री बना वह अपने किसी खास समाज वर्ग पर ध्यान देता था।
मायावती जी जो उत्तर प्रदेश में 4 बार मुख्यमंत्री रही उन्होंने सिर्फ एक विशेष जाति के लोगों के उत्थान के नाम पर वोट माँगा भले ही वह कर नहीं पाई सिर्फ कुछ रास्ते, गली या चौराहों के काम के आलावा। इसके अलावा मुलायम सिंह यादव जिनपर आरोप लगता रहा कि वह मुसलमान हितैषी मुख्यमंत्री थे उन्होंने अपने मुख्यमंत्री रहते ज्यादातर मुस्लिम समुदाय और यादव लोगों के उत्थान का काम किया।
पहले उत्तर प्रदेश के लोग भी इन नेताओं के बयानों में भ्रमित होकर राज्य के दुर्गर्मी विकास के बारे में सोच नहीं पाए और नेताओं ने उन्हें सोचने भी नहीं दिया। लेकिन बाद में जब 2014 में जब भाजपा ने विकास के नाम पर चुनाव लड़ा और प्रधानमंत्री का चेहरा बनाया नरेंद्र मोदी जी को तो भाजपा सत्ता में तो चुनकर आई लेकिन उसने यूपी में भी बड़ा बदलाव की सुगबुगाहट को जन्म दिया। यही कारण है की जब 2017 में भाजपा ने यूपी में जो विकास के नाम पर वोट मांगा तो बाकी सत्ता में रहे नेताओं की दाल नहीं गली और लोगों ने भाजपा को भर भरकर वोट दिया।
यूपी के लोग जात पात की राजनीति को अब थोड़ा बहुत समझ गए थे यही कारण है कि जब 2022 में फिर यूपी में चुनाव हुआ तो पुरानी जात पात की राजनीति करने वाली पार्टियां अपने पुराने स्टाइल से जात पात की राजनीति करने में जुटी रही जबकि जनता ने यहां से भाजपा को फिर से विकास के नाम पर चुनाव जीता दिया। पिछले 6 साल के कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने सभी वर्गों के लिए काम किया यही कारण है की कुछ एक वर्ग या यू कहे समुदाय के लोगों को छोड़कर भाजपा को सभी ने मतदान किया। यही कारण है कि आज उत्तर प्रदेश में जाति की राजनीति करने वाले नेता जैसे की मायावती, अखिलेश सिंह यादव का बुरा हाल है. पहले उत्तर प्रदेश में जाति के नेताओं को सरनेम देखकर वोट देते थे लेकिन पिछले कुछ सालों में जो बदलाव देखा गया उससे यह जरूर कहा जा सकता है उत्तर प्रदेश की राजनीति में जात पात की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिले है।
अपराध पर नियंत्रण
उत्तर प्रदेश एक समय में जात पात की राजनीति के गड़ के साथ साथ अपराध का भी गड़ माना जाता था। कहते है उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा क्राइम को बढ़ावा दिया मुलायम सिंह परिवार ने। जिन्होंने उत्तर प्रदेश में कई ऐसे बाहुबलियों को पाला जो की उत्तर प्रदेश के विकास में सबसे बड़े रोड़ा बने।
एक समय था जब उत्तर प्रदेश में रंगदारी के लिए किसी व्यापारी का अगवा होना आम बात हुआ करता था। अगर कोई कांट्रेक्टर को किसी रोड या प्रोजेक्ट का काम मिलता था तो उसे सबसे पहले उस इलाके के बाहुबलियों को पैसा देना पड़ता था बाद में काम शुरू हुआ करता था। मुलायम परिवार पर आरोप लगा की उन्होंने अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी जैसे कई बड़े बाहुबलियों को उत्तर प्रदेश में बड़ा बनाया उन्होंने सरकार में रहते हुए बहुत से अपराधिक काम किए।
इसके पहले मायावती ने भी अपने शासन में कई दबंगों पर नकेल कसी थी. लेकिन दोस्तों अब यूपी में सच में एक बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आज योगी के राज में बाहुबलियों का हालत आपने अतीक अहमद के मामले में देखा। जब अतीक अहमद के गुर्गों ने अतीक अहमद के केस में मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या करवा दी। उसके बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस ने जो कार्रवाई की उससे अब शायद ही कोई दबंग या गुंडा उत्तर प्रदेश में कोई भी किसी बड़े आपराधिक मामले को अंजाम दे।
आज उत्तर प्रदेश की हालत यह है कि योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्शन से अपराधियों में इतना भय पैदा कर दिया है कि या तो आपराधिक छवि के लोग राज्य छोड़कर भाग गए है या फिर उन्होंने खुद को पुलिस को सरेंडर कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में अपराध के नियंत्रण का ही नतीजा है कि जिस उत्तर प्रदेश में लोग शादियों के समय में रात के समय घर वापस जाने से डरते थे वह सुबह शादी से लौटने के वक्त ही अपने घर जाया करते थे. आज उस उत्तर प्रदेश में लोग अब देर रात बिंदास शादी से अपने घर वापस चले जाते है. अब उनमें पहले जैसा देर रात रास्ते में लूटने वाला डर कम हुआ है।
आज उत्तर प्रदेश में रात को भी आप किसी भी जिले में किसी भी गांव में चाहे वह सुनसान हो मेन रोड हो आप वहां बिंदास घूम सकते। आपको देर रात पुलिस कहीं न कहीं पेट्रोलिंग करते हुए दिख जाएगी. यही नहीं अगर कहीं पर कोई अपराध या मारपीट होता है तो आपको थोड़े देर में वहा पुलिस नजर दिखाई देगी. यह सब उत्तर प्रदेश का चित्र दिखाता है की अब उत्तर प्रदेश में काफी हद तक अपराध पर नियंत्रण आया है।