महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे, जो कि कल्याण लोकसभा से सांसद है, इनके लोक सभा में एक बार फिर स्थानीय स्तर पर भाजपा और शिवसेना के बीच आपस में मतभेद देखने को मिला है.
इस बार भाजपा के एक स्थानीय नेता सचिन भोईर द्वारा यह मांग की गई है की कल्याण के लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे इन्होंने आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के कमल चिन्ह पर चुनाव लड़ना चाहिए. भोईर के इस मांग के बाद एक बार फिर कल्याण लोकसभा में भाजपा और शिवसेना के बीच सब कुछ सही नहीं है यह दिखने लगा है.
आपको बता दे डॉक्टर श्रीकांत शिंदे जो की कल्याण से दो बार से लोकसभा सांसद है वह वापस यहा से तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे यह दोनों गठबंधन पार्टी यानी कि भाजपा और शिवसेना के वरिष्ठ लोगों ने कंफर्म कर दिया है उसके बावजूद स्थानीय भाजपा के नेता जो आए दिन श्रीकांत शिंदे के खिलाफ बयान बाजी करते रहते हैं लगता है वह अब तक अपने वरिष्ठ नेताओं के आदेश को मानने को तैयार नहीं है.
यही कारण है कि आए दिन भाजपा के स्थानीय नेताओं द्वारा श्रीकांत शिंदे को लेकर कुछ ना कुछ ऐसे बयान बाजी किए जाते रहते है जिससे दोनों पार्टियों में स्थानीय स्तर पर मतभेद उभर कर सामने आ जाते हैं.
कल्याण लोकसभा में आने वाले दीवा शहर के भाजपा अध्यक्ष सचिन भोईर द्वारा इस बार आधिकारिक तौर पर एक पार्टी के राज्य के अध्यक्ष चंद्रकांत बावनकुले से मांग की है कि चूंकि कल्याण लोक सभा में भाजपा ज्यादा शक्तिशाली है इसलिए लोकसभा चुनाव में श्रीकांत शिंदे ने भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ना चाहिए।
आपको बता दे भाजपा के कई स्थानीय नेता आरोप लगाते हैं कि श्रीकांत शिंदे क्षेत्र में भाजपा के नेताओं को दबाकर रखने की कोशिश करते हैं. यही नहीं वह एक तरफ से भाजपा को कमजोर करने की कोशिश करते हैं यही कारण है की भाजपा द्वारा स्थानीय स्तर पर कई बार श्रीकांत का खुलकर विरोध किया गया.
पिछले साल दोनो पार्टी में मतभेद इतने बड़ गए थे कि एक बार भाजपा के स्थानीय नेताओं ने यह निश्चय किया था कि वह आने वाले समय में लोकसभा चुनाव में श्रीकांत शिंदे के लिए काम नहीं करेंगे.
दोनो पार्टी के मतभेद का ही नतीजा है कई बार भाजपा के और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं द्वारा स्थानीय नेताओं को समझाया बुझाया गया कि वह युति धर्म का पालन करें और एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी ना करें बावजूद इसके अब जब लोकसभा चुनाव में शिवसेना और भाजपा को एकत्रित होकर चुनाव लड़ने की जरूरत है तो ऐसे समय में भाजपा के नेता द्वारा अपने ही सहयोगी वह भी मुख्यमंत्री के बेटे के बारे में इस तरह की बयान बाजी से दोनो पार्टी में संभ्रम की स्थिति है.
वही इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर रविन्द्र चव्हाण, जो कि कल्याण लोकसभा में भाजपा का ज्यादातर सभी डिसीजन लेते है, उन्होंने इस बात पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच मजबूत गठबंधन है और कोई भी स्थानीय तौर पर मनमुटाव नहीं है. चव्हाण ने भाजपा के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वापस वापस प्रधानमंत्री बनाने के लिए इस बार फिर तीसरी बार श्रीकांत शिंदे को भारी मतों से जीतने के लिए लोकसभा चुनाव के काम पर लग जाए.