गुरुवार को उल्हासनगर शहर के ७५ वे स्थापना दिवस के अवसर को बड़े ही धूमधाम से शहर में मनाया गया. इस दौरान शहर में बहुत से सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस दौरान विराट अम्बे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जहा १९४८ में शहर के स्थापना के दौरान नींव रखी गई थी वहा भव्य कार्यक्रम का आयोजन उल्हासनगर महानगरपालिका, रोटरी क्लब ऑफ सपना गार्डन, सुखरामणि फाउंडेशन और सिंधु एजुकेशन सोसायटी द्वारा आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में शहर के विभिन्न गणमान्य के अलावा महानगर पालिका आयुक्त अजीज शेख, विधायक कुमार ऐलानी के अलावा महाराष्ट राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के कार्य अध्यक्ष महेश सुखरामनी ने भी भाग लिया.
इस कार्यक्रम के दौरान सुखरामणी ने बताया की आज स्थापना दिवस के कार्यक्रम के दौरान शहर को जुआ मुक्त और नशामुक्त करने का अभियान चलाने का हमने संकल्प लिया है. इस अभियान के तहत शहर में चल रहे जुआ के अड्डे और नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाकर शहर को जुआ और नशा मुक्त करने के लिए प्रयास करेंगे.
वही इस दौरान पिछले स्थापना दिवस के दौरान महेश सुखरामनी फाउंडेशन द्वारा शहर में निकाले गए २ किलो लंबे तिरंगा यात्रा के लिए द आइडियल इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और प्राइम world record द्वारा सबसे बड़े झंडे की यात्रा निकलने के लिए फाउंडेशन का नाम दर्ज किया गया.
वही इस कार्यक्रम में शहर के राजनीतिक, सांस्कृतिक और अन्य छेत्र के अलावा शहर से स्कूल और कॉलेज के बच्चे भी शामिल हुए.
आपको बता दे उल्हासनगर शहर पहले कल्याण मिलिट्री कैंप करके जाना जाता था. पहले यह बैरक कैंप के तौर पर था लेकिन जब देश का विभाजन हुआ तो पाकिस्तान की तरफ रहनेवाले सिंधी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में पाकिस्तान छोड़कर यहाँ आकर बस गए.
इसी दौरान ८ अगस्त १९४८ को तब के भारत के गवर्नर जनरल C राजगोपालचारी ने इस शहर की नीव रखते हुए इस शहर को उल्हासनगर नाम दिया.
जिसके बाद इस वीराने पड़े बैरक कैंप को सिंधी समुदाय के लोग जो पाकिस्तान में अपना सबकुछ छोड़कर यहा आए उन्होंने अपनी मेहनत से इस शहर को पूरे ठाणे जिले में एक व्यवसाय के केंद्र के रूप में पहचान दिलवाई.