बदलापुर की एक महिला ने लखनऊ में रहने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया, लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो सच्चाई कुछ और ही निकली। पुलिस को पता चला कि उल्हासनगर के एक वकील ने अपने दो साथियों और एक महिला की मदद से लखनऊ में रहने वाले अपने साले के खिलाफ बलात्कार का फर्जी मामला दर्ज कराया।
इसके बाद बदलापुर ईस्ट पुलिस ने वकील सनी चव्हाण, महिला और उसके दो साथियों प्रथमेश यादव और भावेश तोतलानी के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनमें से यादव और तोतलानी को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि चव्हाण और महिला फरार हैं और पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि घटना तब सामने आई जब पिछले महीने 30 दिसंबर को एक महिला ने शिकायत की कि अभिषेक सिंह नाम के व्यक्ति ने पहले सोशल मीडिया पर उससे दोस्ती की और बाद में उसे नौकरी का लालच देकर बदलापुर के एक लॉज में बुलाया, जहां उसने उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान जब आरोपी का पता लगाया गया तो पता चला कि सिंह लखनऊ का रहने वाला है।
सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम लखनऊ गई, जहां उन्होंने सिंह से पूछताछ की तो पता चला कि वह 30 दिसंबर को लखनऊ में ही था और कभी बदलापुर नहीं गया। इसके बाद पुलिस को इस मामले में शक हुआ और जब उन्होंने बदलापुर के उस लॉज के सीसीटीवी की जांच की तो पाया कि सीसीटीवी में दिख रहा अभिषेक सिंह का चेहरा किसी और का है और असली अभिषेक सिंह कोई और है। पुलिस ने जब बदलापुर में जांच शुरू की तो पता चला कि अभिषेक सिंह बनकर लॉज में जाने वाला व्यक्ति उल्हासनगर का रहने वाला भावेश तोतलानी है।
इसी आधार पर पुलिस ने सबसे पहले तोतलानी को पकड़ा, जिसमें सारी सच्चाई सामने आ गई। तोतलानी ने पुलिस को बताया कि उल्हासनगर के वकील चव्हाण के कहने पर वह महिला के साथ लॉज में गया और वहां उसने अभिषेक सिंह नाम के व्यक्ति का डुप्लीकेट आधार कार्ड जमा कराया। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक किरण बलवाडकर ने कहा,
“जांच के दौरान, हमें पता चला कि चव्हाण का अपनी पत्नी के साथ विवाद था, और उसने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। चव्हाण को लगता था कि उसका साला उसकी पत्नी का समर्थन कर रहा है, यही वजह है कि चव्हाण ने अपने साले को फंसाने के लिए यह फर्जी मामला दर्ज करवाया।”