बड़े नसीब वाले होते हैं वो लोग जिन्हें 2 जून की रोटी नसीब होती है.' ये कहावत आपने अक्सर अपने घर परिवार में, अपने बड़े बुजुर्गों से सुनी होगी. 02 जून की तारीख आते ही यह कहावत सोशल मीडिया वायरल हो जाती है. क्या आज जानते हैं!
‘बड़े नसीब वाले होते हैं वो लोग जिन्हें 2 जून की रोटी नसीब होती है.’ ये कहावत आपने अक्सर अपने घर परिवार में, अपने बड़े बुजुर्गों से सुनी होगी. 02 जून की तारीख आते ही यह कहावत सोशल मीडिया वायरल हो जाती है. क्या आज जानते हैं, ‘2 जून की रोटी…
दरअसल, 2 जून की रोटी एक कहावत है और इसका मतलब 2 वक्त के खाने से होता है। अवधि भाषा में जून का मतलब वक्त अर्थात समय से होता है। इसलिए पूर्व में लोग इस कहावत का इस्तेमाल दो वक्त यानी सुबह-शाम के खाने को लेकर करते थे। इससे उनका मानना था कि गरीबी में 2 वक्त का खाना भी मिल जाये वही काफी होता है।
माता-पिता अपने बच्चों को इससे देते है सीख
आज भी माता-पिता अपने बच्चों को अन्न का अनादर न करने के लिए इस कहावत का इस्तेमाल करते हैं। बच्चों को खाने को बर्बाद करने से रोकने के लिए कहा जाता है कि आजकल लोगों को दो जून की रोटी ही मिल जाए बड़ी बात होती है और कुछ लोग खाना बर्बाद कर रहे हैं। ज्यादातर उत्तर भारत में इस कहावत का इस्तेमाल किया जाता है।
दो जून की रोटी की कहावत का अर्थ सिर्फ तारीख से नहीं है, बल्कि दो जून का मतलब वक्त से है…
अवधि भाषा में वक्त को जून भी बोला जाता है. ऐसे में इसका मतलब दो समय यानी कि सुबह और शाम की रोटी/भोजन से है।
‘दो जून की रोटी’ का वाक्य उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है।
सभी से गुजारिश है कि आज के दिन रोटी जरूर खाएं, क्योंकि दो जून की रोटी बहुत ही मुश्किल से मिलती है।
ध्यान रहें…. कोई भूखा न रहें!
“*एक फेमस कहावत है 2 जून की रोटी*”
इस कहावत का इस्तेमाल पुराने समय में बड़े-बुजुर्ग करते थे, जिसे वे दो वक्त यानी सुबह-शाम के खाने को लेकर कहते थे, इससे यह कहना होता था कि, इस महंगाई और गरीबी के दौर में 2 वक्त का खाना भी किसी को नसीब नहीं है। जिसे नसीब है वो मेहरबानी करके 2 जून की रोटी की कद्र करे खुद भी खाए और हो सके तो दूसरे को भी खिलाए.
आज का दिन बहुत ही खास है । आज के दिन रोटी जरूर खाइये । क्योंकि दो जून की रोटी के लिए मनुष्य भटकता फिरता है । अपने माँ-बाप, भाई, परिवार से दूर होता है । फिर दो जून की रोटी के चक्कर में यह दूरी बहुत ही दूर ले जाती है ।
जो आज एकादशी का व्रत हों, उनके लिए दो जून कल मान लें । दो जून मतलब दो समय ।
2 जून 2024 से सभी को 2 जून की रोटी मिलती रहे प्रभु से यही कामना.