हर आदमी का सपना होता है की उसका खुद का एक घर हो. घर खरीदना किसी भी व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक होता है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा फंड लगता है। कई लोग अपनी जिंदगी में बचत के पैसे से घर खरीदते हैं जबकि कई लोग घर खरीदने के लिए बैंक से होम लोन लेते है. घर करते समय कई लोग बिल्डर के रेपुटेशन को ध्यान में रखकर उनके यहां घर की बुकिंग करते हैं. लेकिन हम आपको बता दें यह एक गलत तरीका है घर बुकिंग करते समय सही कागजात देखकर घर बुकिंग करना चाहिए घर खरीदने का यही एकमात्र मानदंड होना चाहिए। बाजार में चारों तरफ रियल एस्टेट सम्बन्धी घोटालों की खबरें आम हो गई हैं, इसलिए उपभोक्ताओं को एक नया मकान खरीदते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए और उसे खरीदने से पहले सभी दस्तावेजों की जांच कर लेनी चाहिए। इसलिए कोई भी घर खरीदते समय आपको काफी बातों का ध्यान रखना चाहिए और यह जरूर देख लेना चाहिए कि बिल्डर ने सभी जरूरी कागजी-कार्रवाई की है या नहीं।
इसके अलावा अलग-अलग विभागों में जाकर बिल्डर की विश्वसनीयता की जांच करनी भी जरूरी है। आप उसकी पहले और अब की प्रोजेक्ट जांच कर सकते हैं किसी बिल्डर के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप ऑनलाइन कम्यूनिटी से पूछताछ कर सकते हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिससे आपको घर खरीदने में क्या सावधानियां बरतनी है वह पता चलेगा।
टाइटल डीड
घर खरीदने समय सबसे पहले आपको देखना चाहिए की उस जमीन के टाइटल डीड उस बिल्डर के नाम है या नहीं जो हमे घर या मकान बेच रहा है. इससे हमे यह पता चल जायेगा की घर बेचनेवाला सच में उस प्रॉपर्टी का मालिकाना हक रखता है या नही। इस डीड के माध्यम से यह भी पता चल जाएगा कि संबंधित संपत्ति पर कोई मुकदमा चल रहा है या नहीं। अगर आपको टाइटल डीड की जांच करने में दिक्कत आ रही है तो आप किसी वकील की भी मदद लें सकते है।
अस्वीकृति की सूचना
यह एक सबसे महत्वपूर्ण है चेक करने का काम है। मकान की अनुमति या मंजूरी और ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ है जिसे बिल्डर को निर्माण के विभिन्न चरणों के दौरान विभिन्न निकायों से प्राप्त करना पड़ता है। मसलन, पीडीब्ल्यूडी, पर्यावरण विभाग, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, यातायात एवं समन्वय विभाग आदि। इसके अलावा, आपको comencement certificate देखने पर जोर देना चाहिए। यह प्रमाणपत्र बिल्डर को कानूनी तरीके से वास्तविक निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति देता है। विशेषज्ञों के अनुसार, आरम्भ प्रमाणपत्र के बिना किए जाने वाले निर्माण कार्य को गैरकानूनी माना जाता है।
बाधा प्रमाणपत्र
आप किसी ऐसी संपत्ति में निवेश करना नहीं चाहेंगे जिस पर कोई मुकदमा चल रहा हो या कोई कानूनी या मौद्रिक देनदारी हो? ब्रोकर और बिल्डर, वास्तविक उपभोक्ताओं या निवेशकों से इस सच्चाई को छिपाना चाहेंगे। लेकिन आपको काफी सावधानी बरतनी चाहिए और बाधा प्रमाणपत्र देखने पर जोर देना चाहिए जिससे यह पुष्टि हो सके कि संबंधित संपत्ति किसी कानूनी विवाद से मुक्त है। किसी ऐसी संपत्ति में निवेश करना उचित नहीं है, जिस पर कोई मुकदमा चल रहा हो या कोई अन्य समस्या से संबंधित हो, जिससे भविष्य में कई अन्य समस्याएं पैदा हो जाएं।
लेआउट प्लान
आपको यह जरूर देख लेना चाहिए कि लेआउट प्लान जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज संबंधित विभागो द्वारा अनुमोदित किए गए हों क्योंकि ऐसा भी देखा गया है कि बिल्डर, अनुमोदित योजनाओं से हटकर काम करते हैं जिससे बाद में कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसलिए लेआउट प्लान की जांच करने पर जोर दें क्योंकि इससे यह साफ हो जाता है कि बिल्डर ने अप्रूव्ड परमिशनों के आधार पर परियोजना का निर्माण किया है।
खरीद समझौता
ऊपर दिए गए सभी स्टेप्स को फॉलो करने के बाद इस बात की भी जांच कर लें कि आपको जो-जो वादे किए गए हैं, वे सब आपके खरीद समझौते (Sale Deed) में लिखे गए हों। इसमें निर्माण, भुगतान (Payment), अपार्टमेंट स्पेसिफिकेशन, अंतिम समय सीमा (Date of Possession) और किसी भी पक्ष द्वारा अपने वादे से मुकरने पर जुर्माना इत्यादि सारे विवरण होने चाहिए। याद रखें कि इस खरीद समझौते के आधार पर ही आप बिल्डर के द्वारा उसके वादे के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से अलग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान किए जाने या कुछ गलत किए जाने पर उसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं।
अगर आप ऊपर दिए गए बातों को घर खरीदते समय ध्यान में रखेंगे तो आप के साथ कभी भी फ्रॉड या यूं कहे चीटिंग नही होगा और आपका निवेश सही जगह पर हो सकेगा। उम्मीद है आपको हमारी यह जानकारी घर खरीदने के लिए अच्छी लगी हो। अगर ऐसा है तो आप इस जानकारी को फेसबुक और व्हाट्स एप के जरिए अपने दोस्तों में भी शेयर कर सकते है।